मंदार का शूरवीर विजयंत... जिसे कभी राजगद्दी का योग्य उत्तराधिकारी माना गया था,
वही एक दिन अपनी पहचान से ही वंचित कर दिया गया।
राज्य के सामने अपमानित और ठुकराया गया विजयंत, भटकते-भटकते अपनी दब चुकी स्मृतियों में दफ़्न
एक खौफ़नाक सच से टकराता है -
उसकी जुड़वाँ बहन इलाक्षी अब असुरों की रानी है।
एक ओर उसका टूटा हुआ अतीत,
और दूसरी ओर वही बहन, जो अब उसकी सबसे बड़ी शत्रु बन चुकी है।
क्या विजयंत अपनी खोई हुई गरिमा को फिर से पा सकेगा?
और इस महायुद्ध को अंजाम तक पहुँचा पाएगा?
सिर्फ पॉकेट एफएम पर!
टीम - प्रकाश त्रिपाठी, मोहित शर्मा ज़हन, निशांत
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