अंतरजाल की दुनिया और जीवन में मोहित शर्मा 'ज़हन' के बिखरे रत्नों में से कुछ...

Sunday, March 5, 2023

World Book Fair 2023 - Random Thoughts #funny

अच्छा, तो पुस्तक मेले में एक और परिचित की स्टाल लगी है। लेकिन उनकी स्टाल तो भीड़ के बीच पौने दो किलोमीटर दूर है...छोड़ो इतनी भी जान पहचान नहीं है।

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अंतिम घंटे में, "चाय-चाय...चाय लेंगे सर?"

सर - "ये अपने पैर कितने के दिए?"

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किताबों के बारगेन में जो पैसा बचाया था वो तो यहां के छोले भटूरे और पानी में चला गया। ये कैसा थेनोसपन है?

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ये कैसा पाठक है, ये मेरी किताब क्यों खरीद रहा है।

"आपकी अगली किताब कब आएगी, मोहित जी?"

Mit Gupta - "इनकी? नहीं आएगी!"

"लेकिन इनके साझा संकलन फलाना तो आते रहते हैं।"

मिथिलेश गुप्ता - "वो साझा नहीं, पाठकों को इनका झांसा होता है।"

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3 प्रशंसक आए हैं, एक की कसकर झप्पी ले ली, दूसरे को साइड हग किया। तीसरे को बस थपकी दे दी। इनकी गलती है! ये अलग से एक एक करके मिलने क्यों नहीं आते? दो प्रशंसक खो दिए मैंने!

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"भगवान, ऐसा कुछ कर दो कि मेरे पैर का दर्द चला जाए।"

*मधुमक्खी ने काट लिया।*

"हां, अब ठीक है।"

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"आप साहित्य विमर्श में भी हैं ना?"

"हूं तो नहीं, लेकिन उनसे इस विषय पर विमर्श चल रहा है।"

"विकास नैनवाल जी स्टेरॉइड्स लेते हैं ना?"

"हां! खुद सिद्धार्थ अरोड़ा 'सहर' ने मुझे बताया था।"

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"अरे इधर आओ, कोई पानी लाओ!

सत्य व्यास जी...को लगी है प्यास।"

"वाह! आप तो अच्छे कवि हैं, मोहित सर।"

"तो क्या आप मेरा काव्य संग्रह छापेंगे?"

"नहीं!"

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"कैसे हो मोहित?"

"भैया, आप मोहित हो मैं अभिराज हूं।"

"हां तो ऐसे इवेंट्स में सुबह-दोपहर मिल लिया करो। शाम को मैं...मैं नहीं रहता!"

"मैं कहां मिलने आया था भैया, आप ही..."

"शटअप मोहित!"

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