Wrote a promo rap for Ajay Kumar's book
कांव कांव - धाँय धाँय,
इंसानों की हाय हाय!
सुन ले पक्की वार्निंग
नहीं है ये कोई जुमला
तेरी ऐसी तैसी करने प्रेज़ेंटिंग...
कौवों का हमला!
आजा तेरी एसयूवी का घमंड तोड़ दूँ,
बोनट पर अपनी बीट निचोड़ दूँ
कांव कांव - धाँय धाँय,
इंसानों की हाय हाय!
अपुन की तेज़ नज़र,
रखे हर बात की खबर,
साइज अपना छोटा...
पर दिल से गब्बर!
कैच मी इफ यू कैन,
उड़ा मैं फर्र-फर्र...
कांव कांव - धाँय धाँय,
इंसानों की हाय हाय!
कहे काग को चालू,
ये साला होमो सेपियन मक्खीचूस,
खुद गधे की शक्ल वाला,
मुझे कहे मनहूस!
कांव कांव - धाँय धाँय,
इंसानों की हाय हाय!
चिल करते ब्रोज़ को हुर्र हुररर कहके उड़ाये,
पितृ पक्ष में पूड़ी लेकर पीछे भागा आये।
क्रो गैंग से पंगा मत ले...
अपनी चोंच से जाने कितने टकले सुजाये।
कांव कांव - धाँय धाँय,
इंसानों की हाय हाय!
तोड़ेगा तेरी ईगो का गमला,
फ्रेश रापचिक कौवों का हमला।
तो सारे बोलो...
कांव कांव - धाँय धाँय,
इंसानों की हाय हाय!
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- मोहित शर्मा ज़हन