शादी स्पेशल
1) - बैचलर्स और खासकर हॉस्टल में रहकर जो पढाई करते है उनका रूटीन, ढंग बाकी दुनिया से अलग होते है। क्योकि वो समय कड़की वाला होता है तो शादीयों, फंक्शन्स में ड्रेस में वैरायटी रहे तो लड़के एक दूसरे के पार्टी वियर पहन लेते है। तो किसी शादी में बिरजू का जामनी कोट, यादव जी पहने मिलेंगे तो किसी में ,सुब्रमणियम की चेक शर्ट थापा ने चढ़ा रखी होगी। हर फंक्शन के ग्रुप फोटो में कपडे वही मिलेंगे आपको पर चेहरे बदल जायेंगे।
2) - कुछ दोस्त-भाई ख़ुशी (और दूसरी तरह की ख़ुशी) वाली ओवरडोज़ में ऐसी किलर मेनका-रम्भा बनते है की उनके डेढ़ मीटर के दायरे में आना खुद को गंभीर रूप से चोटिल करने की दावत देना है।
3) - एक लड़की - "यार मैं रूज़ (जिस से गालो पर लाली आती है) लगाना भूल गयी। "
उसकी सहेली - "अरे सेम मेरे साथ हुआ, फिर यहाँ स्टाल पर गोल गप्पे खाए ज़्यादा मिर्च है पानी में, चेहरा नैचुरली लाल हो गया। "
4) - रईस लोग लड़के को 20 लाख की कार, लाखो का सामान-जेवर ख़ुशी-ख़ुशी दे देते है पर शादी के पंडित जी से 500 रुपये कम कैसे करवायें इसपर आपस में गहन टीम मीटिंग होती है।
5) - अपनी दारु पार्टी चाहे घंटो चले पर फेरो में कहेंगे - "यार पंडित जी जल्दी निपटाओ।"
6) - बच्चे के मुंह से बैड वर्ड्स नहीं निकलने चाहिए, बैड हैबिट्स नहीं होनी चाहिए चाहे उसको लेकर DJ पर "चार बोतल वोडका, काम मेरा रोज़ का।", "मैं अल्कोहॉलिक हूँ!" जैसे गानो पर घंटो नाचें।
7) - किफायती लोग बच्चो और टीन एजर्स को सस्ते में निपटाने के लिए जान बूझ कर चाउमीन, फ़ास्ट फ़ूड की स्टाल्स पहले रखते है, की मैन कोर्स शुरू होने से पहले ही बच्चे हार मान कर कॉफी या आइस क्रीम की तरफ रुख कर लें।
8) - कुछ लाइम लाइट लपेटु Sir और मैडम लोग होते है, जो ज़बरदस्ती कैमरा घेरे रहते है। कन्या दान में लड़की के पिता जी का चाहे सिर्फ हाथ दिखे पर ज़बरदस्ती लड़की के बगल में बैठ कर इन्हे अपना थोबड़ा ज़रूर दिखाना होता है। वैसे चाहे 5 सालो में दूसरी बार मिल रहें हों लड़की से पर रोयेंगे लड़की के बहन-भाई से भी ज़्यादा। मतलब अगर शादी में से ऐसे 2-4 लोगो की रील हटा दें तो शादी का वीडियो आधा रह जाये।
9) - जिन अंकल लोगो को मीठा मना है वो बड़ा फायदा उठाते है ऐसे मौको का। आंटी से कहेंगे की कोई रस्म है तुम्हे अंदर बुलाया है और फिर बड़ी शिद्दत से जलेबी की पत्तल पर आधा कुंटल रस मलाई गिरवातें है स्टाल पर।
10) - कुछ बाराती जैसे हिसाब लेकर आते है की अरे चचिया ससुर को 2 जोड़े मिले पर मामा को बस एक? शादी के सोइयों काम में सब बिजी है पर कुछ रिलेटिव फालतू में या कहें शौक में नाराज़ घुमते रहेंगे की उसके फलाना का इतना सम्मान हो गया पर मेरे ढीमके का कम। अरे काका जो सामने पड़ा वो कर दिया, अब सबका हिसाब थोड़े ही रखेंगे की इसके पैर 16 बार छुए और उनको बस 5 बार नमस्ते किया।
11) - बैंड वालो में भी सरकारी दफ्तर की तरह सीनियरिटी चलती है, दूल्हे-नाचते बरातियों के सर पर घुमाए गये 50-100 या और ऊपर के नोट पर एक्का-दुक्का बैंड मास्टर का हक़ होता है, बाकी लाइट वाले-भोम्पू वाले 10-20 के नोट घुमाने वाले रिश्तेदारों से संतोष करते है। और 100, 500 के नोट तो ज़्यादा नहीं फिराते पर मजाल है जो 10 का नोट लिए कुछ बाराती 10 मिनट से पहले नोट बैंड वालो को दे दें।
- मोहित ट्रेंडस्टर
*Notes and pointers for a show.
*Notes and pointers for a show.
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