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वर्ष 2006 से मैं ऑनलाइन सक्रीय हूँ खासकर लेखन, कला और कॉमिक्स से जुड़े ग्रुप्स, कम्युनिटीज और फ़ोरम्स पर। इस क्रम में समय-समय पर कई इवेंट्स में जाने का मौका मिला। इन 9-10 वर्षों में अनेको प्रतिभावान कलाकार, लेखक और पैशनेट प्रशंषक देखें, उनमे से कुछ को सीढ़ी दर सीढ़ी सफलता पर चढ़ते, अपने टैलेंट से दुनिया को विस्मित करते देखा। यहाँ मैं ऐसे फैंस, कला-साहित्य-कॉमिक्स प्रेमियों की बात करूँगा जिनके दीवानेपन ने मुझे चौंकाया और प्रेरित भी किया। यह लेख सिर्फ कॉमिक्स पर केंद्रित करता हूँ।
वैसे तो कॉमिक्स फैन्स का वर्गीकरण बहुत तरह से हो सकता है पर सिर्फ एक्टिव फैन्स की बात करें तो कुछ लोग बड़े जोश में एंट्री मारते है ग्रुप्स, डिस्कशन बोर्ड्स आदि पर और कुछ समय के लिए सारे थ्रेड्स जैसे हाईजैक कर लेते है। ऐसा लगने लगता है कि वाकई ये कॉमिक्स जगत में रेवोलुशन ले आएंगे और कई प्रकाशन इन्हे अधिकृत या अनधिकृत रूप से अपना कंसल्टेंट नियुक्त कर देंगे। कुछ हफ्तों में इन्हे ऐसा सुपीरियोरिटी काम्प्लेक्स चढ़ता है कि ये स्वयं को अन्य साथियों यहाँ तक कि नए या छोटे प्रकाशनों से जुड़े क्रिएटिव्स तक से ऊपर समझने लगते है। धीरे-धीरे इनकी हवाई बातें और ऊपरी जुनून जब ठंडा पड़ता है 2-3 वर्षो बाद इनका पता नहीं चलता कहाँ गए। इनके राखी सावंत एन्टिक्स के कारण दूसरे फैन्स को नुक्सान होता है। इनके अलावा अपनी नौकरी, दिनचर्या में व्यस्त फैन्स का एक बड़ा हिस्सा रीड ओनली मोड़ पर रहता है और कभी कबार अपनी उपस्थिति बताता रहता है।
अब आते है प्रशंषको के बहुत छोटे पर सबसे ख़ास वर्ग पर जो अपनी जॉब, परिवार व अन्य ज़िम्मेदारियों के बावजूद निरंतर कॉमिक्स प्रेम में डूबे रहते है और निस्वार्थ बहुत से अन्य फैन्स की मदद करते है। मेरा सौभाग्य है कि मैं कॉमिक फैन फेस्ट इवेंट के ज़रिये ऐसे ही एक ग्रुप से रूबरू हो पाया। जिस समाज में कॉमिक्स महत्वहीन समझी जाती है, पर ये लोग किसी किरदार, कॉमिक, कलाकार पर ऐसे सब भूल के मग्न होकर बातें करते है कि कुछ देर को बाकी दुनिया इनकी कॉमिक्स की दुनिया के आगे बौनी लगती है। किसी नयी-पुरानी कॉमिक का नाम लेने पर जाने कहाँ से खंगाल कर ये लोग कवर की डिटेल्स से लेकर अंदर पैनल्स तक का ब्यौरा दे देतें है। आँखों में ऐसी बेचैनी जैसे गिरवी रखे घर-बिज़नस का मुद्दा हो लिये, भूले बिसरे कलाकारों पर चिंतन-मनन और उनकी खैर खबर पर चर्चा चलती है। इसी दिशा में इवेंट के चौथे संस्करण में एक गुमनाम पर गुणी कलाकार श्री मोहन शर्मा जी को सम्मानित किया गया। आशा है आगे भी यह क्रम जारी रहेगा। मैं खुद को एक कॉमिक प्रेमी मानता हूँ पर इन लोगो को देखकर लगता है कि ये है गेम के असली ड्रैगन्स, मैं तो इनके आगे छोटा-मोटा गुंडा हूँ। बीते कुछ वर्षो में यह ग्रुप बहुत से लोगो को प्रेरित करता आ रहा है, मेरी बात ना माने तो ये बात आपको कई कॉमिक्स कलेक्टर्स बताएँगे और अनेको इवेंट्स पर इनके फ़ोटोज़ भी या तस्सल्ली ना हो तो एक बार निष्पक्ष होकर इनसे मिल लें। स्पेशल मेंशन रवि यादव, संजय सिंह, आकाश, मोहनीश, अयाज़ और जय खोहवाल जी का जो हर बार ये इवेंट जीवंत बना देते है। इनके लिए कामचलाऊ से बेहतर काम ना होना है क्योकि इवेंट के प्रारूप से लेकर गुडीज़ के डिज़ाइन तक जैसी कई चीज़ों में ये बेचारे अपने जाने कितने वीकेंड्स और छुट्टियाँ गवां देते है।
ऑनलाइन और असल जीवन में कॉमिक कम्युनिटीज में अपने अनुभव के आधार पर मैं यह कह सकता हूँ की ये लोग बहुत कुछ है पर नकली कतई नहीं है (जैसा पिछले कुछ दिनों से मैंने कुछ पोस्ट्स पर देखा)...और अगर नकली होना यह होता है तो भगवान सबको नकली बनायें।
- मोहित शर्मा ज़हन #comicfanfest #indiancomics
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