पुस्तक मेले 2024 में एक किताब के विमोचन में जाना था कि तभी एक बड़े कैनवास पर व्यस्त एक कलाकार को देखा। वह आर्ट स्टाइल और कद-काठी जान पहचानी लगी और मैं कार्यक्रम का मोह छोड़ कर तुरंत उस तरफ बढ़ गया। यहां Abhishek Singh जी तल्लीनता से अपनी कला में किरदार निभा रहे कछुए की आँखों में जादू भर रहे थे। सबसे पहले तो मैंने भीड़ में से ही उनकी फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल खोलकर यह दिखाया कि मैं आपकी फ़्रेंडलिस्ट में हूं। अभिषेक भाई मुस्कुराए, फिर कुछ देर बातें हुई और समय का पता ही नहीं चला। वापस लौटने की बात कहकर कार्यक्रम की ओर बढ़ गया, वो और बात है कि फिर लौट नहीं पाया...
#phirkabhisahi #art #AbhishekSingh #worldbookfair2024
No comments:
Post a Comment