अंतरजाल की दुनिया और जीवन में मोहित शर्मा 'ज़हन' के बिखरे रत्नों में से कुछ...

Wednesday, June 20, 2012

रखवाला (Parmanu & Vakra)

June 2009 (Raj Comics Fan Nation Community, Orkut and RC Forums, Homepage)

दिल्ली मे 2010 मे होने वाले राष्ट्रमंडल खेलो (Commonwealth Games) की शुरुआत को कुछ ही दिन बचे है. खिलाडियों, खेल अधिकारीयों और सहायक दलों के रुकने और तैयारी के लिए खेल गाँव मे कैम्पस लगे है.

पहले ही दिन कैम्पस मे गड़बड़ और अपराध होने लगते है जैसे एक कैंप से कुछ ही देर मे फटने वाला विस्फोटक और R.D.X. मिलना, कुछ देशो के खिलाडियों का अपहरण हो जाना. परमाणु तुंरत हरकत मे आता है और अपह्रत खिलाडियों को छुडाता है और विस्फोटक को निष्क्रिय करता है.  परमाणु, विनय के रूप मे खेल गाँव मे भारतीय दल के सुरक्षा अधिकारी के रूप मे वहां रह कर इस मामले की छान-बीन शुरू कर देता है.

भारत पर अंतर-राष्ट्रिय दबाव बढ़ने लगता है और कुछ देश अपने खिलाडी वापस बुलाने की धमकी देते है. परमाणु मीडिया के सामने राष्ट्रमंडल खेलो मे आये सभी लोगो की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी लेता है.  उसी दिन खेल गाँव मे  सिर्फ उन देशो के कैम्पस पर नकाबपोशों द्वारा हमले होते है जिन्होंने राष्ट्रमंडल खेलो के बहिष्कार की धमकी दी थी....परमाणु बनकर विनय उन सभी कैम्पस मे मौजूद लोगो को बचा लेता है पर इस हमले के बीच मे एक चैम्पियन भारतीय मेराथन एथलीट मारा जाता है.

खेलो की से पहले परमाणु राज़ खोलता है की कुछ देशो (जिनके नाम आप लोग खुद जानते है) के एथलीटस और सपोर्टिंग स्टाफ ही असल मे आतंकवादी है...इन्होने ही अन्दर रहकर ये अपराध किये क्योकि अब तक  परमाणु और क्लोज सर्किट केमराज़ ने किसी बाहरी व्यक्ति को खेल गाँव के अन्दर जाते नहीं पकडा था. खेल गाँव आने के एक दिन बाद इन्होने अपने इंतजाम पूरे करके भारत को बदनाम करने के लिए ये अपराध किये. इन खेलो मे शामिल होने के लिए ये कई सालो से तैयारी कर रहे थे और इनकी सरकारों के हस्तक्षेप से अच्छे खिलाडियों की जगह उनके देशो के खेल संचालन करने वाले संस्थानों ने इन्हें खेलो के लिए चुना.....क्योकि राष्ट्रमंडल खेलो का स्तर ओलंपिक खेलो जैसा नहीं है जहाँ हर खेल मे भाग लेने के लिए मुश्किल और बड़े क्वालीफाई स्तर होते है और यहाँ ज्यादा "वाइल्ड कार्ड" धारक खिलाडी भी शामिल हो सकते है.  राज खोलने मे परमाणु की मदद खेल गाँव मे भेस बदल कर रह रहे वक्र ने की थी.


पर इन आतंकियों का असली मकसद भारत को बदनाम करना नहीं बल्कि खेल गाँव को अपने कब्जे मे लेकर अपनी असंवेधानिक मांगें मनवाना था.....गिनती करने पर पता चला की परमाणु उन आतंकी दलों के सभी लोगो को नहीं पकड़ पाया था और उनके बचे हुए खिलाडियों, आदि ने खेल गाँव पर कब्ज़ा कर लिया था. परमाणु उन आतंकियों से लड़कर सभी बंधको को सुरक्षित बचा लेता है जिसमे उसकी मदद करता है भारतीय खेमे मे शामिल Allrounder वक्र. राष्ट्रमंडल खेल अपने समय से शुरू होते है.....और खुद विनय उस मरे हुए मेराथन रनर की जगह दौड़ कर भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतता है.

The End.

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