Trendy Baba's lucky saved works from defunct websites, forums, blogs or sites requiring visitor registration....
अंतरजाल की दुनिया और जीवन में मोहित शर्मा 'ज़हन' के बिखरे रत्नों में से कुछ...
Monday, January 30, 2017
Thursday, January 26, 2017
Republic Day Painting
कलाकार ज्योति सिंह जी के साथ कभी-कभी कुछ विचार, दृश्य साझा कर लेता हूँ, जिनपर वो कलाकृतियां बनाती हैं। इस बार उन्होंने कैनवास पर यह भाव उतारे हैं।
Jyoti Singh with Mohit Sharma
"Happy republic day.... (Size: 24"-24", Medium: Acrylic on canvas, Description: es painting mey maa bird mother India ki prateek hai jo har tarah ki paristhiti mey apne bachcho ki raksha karti hai aur apni chaanv mey unhe aasra deti hai. Yahan aakash mey ek saath har tarah k visham mausam tez dhoop, baarish, bijli dikhaye gaye hain.) Concept by our writer friend Mohit Sharma ji"
Labels:
Art,
Artwork,
Concept,
Event,
Idea,
India,
Jyoti Singh,
Mohit Sharma Trendster,
Mohitness,
Painting,
Updates
Location:
Modinagar, Uttar Pradesh, India
Friday, January 20, 2017
Tuesday, January 10, 2017
कैशलेस रिश्वत (Cashless Bribe)
एक सरकारी दफ्तर में एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, सौरभ घुसता है। सौरभ अपना झोला लेकर अंदर आता है और अपने विभाग से जुड़े एक बाबू (क्लर्क) के बारे में पूछता है। उसकी डेस्क पर जाकर वो अपना दुखड़ा रखता है।
"सर मेरा कई सालों का ट्रेवल अलाउंस, पेट्रोल अलाउंस, नच बलिये अलाउंस कुछ नहीं आया है, अब आप ही कुछ कीजिये।"
बाबू - "कर तो दें पर उसके लिए आपको भी कुछ करना होगा ना। इस हाथ दे, उस हाथ ले....नहीं तो लात ले।"
सौरभ - "हाँ झोला वामपंथी फोटोशूट के लिए थोड़े ही लाया हूँ!" (सौरभ झोले में हाथ डालता है)
बाबू - "एक तो नाड़े को झोले की डोरी बना रखा है....जी कर रहा है इसी का फंदा सा बना के झूला दूँ तुझे बदतमीज़!"
सौरभ - "मैंने क्या किया? बदतमीज़ी का तो मौका ही नहीं मिला अभी तक 30 सेकंडस में?
बाबू - "अरे जब पूरा देश डिजिटल इंडिया के नारे लगा रहा है और तुम अभी तक झोले में घुसे हो। तुम जैसे लोगो की वजह से ही देश तरक्की नहीं कर पाता। भक! नहीं करनी तुमसे बात।"
सौरभ - "बात नहीं करनी? बाबू हो पर गर्लफ्रेंड की तरह क्यों बिहेव कर रहे हो? अच्छा तो आप ही कुछ उपाय बताओ।"
बाबू - "कैशलेस सरकाओ हौले से...."
सौरभ - "ओह! हाँ जी अपना मोबाइल नंबर दो।"
बाबू - "मेरी इस महीने की लिमिट पूरी हो गयी है।"
सौरभ - "तभी मूड ख़राब है आपका! तो क्या इस महीने काम नहीं होगा मेरा?"
बाबू - "अरे क्यों नहीं होगा, देश को आगे बढ़ने से रोकने वाले भला हम कौन होते हैं? मेरे चपरासी का नम्बर नोट करो। उसकी भी लिमिट हो गयी हो तो बाहर बैठे नत्थू भिखारी के मोबाइल में 15% उसकी कमीशन जोड़ के डाल देना। बड़ा ईमानदार बंदा है! पिछले महीने का एक ट्रांसक्शन मैं भूल गया था वो भी हिसाब के साथ देकर गया है लौंडा। सारा काम छोड़ के, जय हिन्द बोल के उसके माथे की चुम्मी ली मैंने तुरंत... "
समाप्त!
Subscribe to:
Posts (Atom)